बादल की बूंदे झूमकर,
कहती हैं धरती चूमकर,
नील गगन हमारा अपना है,
पर प्यास बुझाना सपना है|
बादल की गोद में सोना है,
पर माँ की आस ना खोना है|
जन जीवन का कल्याण मात्र,
बस सपना यही साजोना है|
बादल से बूँदें गिरती हैं,
हरियाली सबको देती हैं,
खुद मिट जाती हैं बूँदें,
जीवन औरों को देती हैं|
फूलों की कलियाँ कहती हैं,
मुस्कान भरा संसार है ये|
काँटों की कभी परवाह ना करो,
सुख-दुख का एक मीनार है ये|
Tuesday, January 18, 2011
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