Tuesday, January 18, 2011

Boond (बूँद )

बादल की बूंदे झूमकर,
कहती हैं धरती चूमकर,
नील गगन हमारा अपना है,
पर प्यास बुझाना सपना है|

बादल की गोद में सोना है,
पर माँ की आस ना खोना है|
जन जीवन का कल्याण मात्र,
बस सपना यही साजोना है|

बादल से बूँदें गिरती हैं,
हरियाली सबको देती हैं,
खुद मिट जाती हैं बूँदें,
जीवन औरों को देती हैं|

फूलों की कलियाँ कहती हैं,
मुस्कान भरा संसार है ये|
काँटों की कभी परवाह ना करो,
सुख-दुख का एक मीनार है ये|